वैदिक साहित्य – वेदभाष्यकार स्वामी शरण कृत
1.सामवेद भाष्य :- सामवेद भाष्य के इस सम्पूर्ण संस्करण में सरल पाठ के साथ ही मन्त्रार्थ, भावार्थ तथा पदार्थ को भी प्रस्तुत किया गया है। प्रथम बार प्रस्तुत सन्धियों से मुक्त सरल पाठ जन साधारण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। मन्त्रों के सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया गया है। वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का यह इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण-सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ-व्याख्या सहित सरल प्रामाणिक अनुवाद। मूल मन्त्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है, कोई भी शब्द अपनी ओर से जोड़ा नहीं गया है। जन सामान्य शोधकर्ताओं-अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी संस्करण।
(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 2000.00
2. यजुर्वेद भाष्य :- यजुर्वेद भाष्य के इस सम्पूर्ण संस्करण में सरल पाठ के साथ ही मन्त्रार्थ, भावार्थ तथा पदार्थ को भी प्रस्तुत किया गया है। प्रथम बार प्रस्तुत सन्धियों से मुक्त सरल पाठ जन साधारण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। मन्त्रों के सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया गया है। वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का यह इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण-सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ-व्याख्या सहित सरल प्रामाणिक अनुवाद। मूल मन्त्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है, कोई भी शब्द अपनी ओर से जोड़ा नहीं गया है। जन सामान्य शोधकर्ताओं-अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी संस्करण।
(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 2000.00
3. ऋग्वेद भाष्य :- ऋग्वेद भाष्य के इस सार-संक्षेप संस्करण में सरल पाठ के साथ ही मन्त्रार्थ, भावार्थ तथा पदार्थ को भी प्रस्तुत किया गया है। प्रथम बार प्रस्तुत सन्धियों से मुक्त सरल पाठ जन साधारण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। मन्त्रों के सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया गया है। वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का यह इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण-सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ-व्याख्या सहित सरल प्रामाणिक अनुवाद। मूल मन्त्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है, कोई भी शब्द अपनी ओर से जोड़ा नहीं गया है। जन सामान्य शोधकर्ताओं-अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी संस्करण।
(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 2000.00
4. अथर्ववेद भाष्य :- अथर्ववेद भाष्य के इस सार-संक्षेप संस्करण में सरल पाठ के साथ ही मन्त्रार्थ, भावार्थ तथा पदार्थ को भी प्रस्तुत किया गया है। प्रथम बार प्रस्तुत सन्धियों से मुक्त सरल पाठ जन साधारण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। मन्त्रों के सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया गया है। वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का यह इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण-सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ-व्याख्या सहित सरल प्रामाणिक अनुवाद। मूल मन्त्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है, कोई भी शब्द अपनी ओर से जोड़ा नहीं गया है। जन सामान्य शोधकर्ताओं-अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी संस्करण। (बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 2000.00
5. वेदायन भाष्य :- चारो वेदों से चुने हुए प्रमुख वेद सूक्तों का सरल पाठ के साथ ही सरस गेय पद्यानुवाद प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही मन्त्रार्थ, भावार्थ, पदार्थ भी दिया गया है। सन्धियों-संयुक्ताक्षरों से मुक्त सरल पाठ से साधारण जन भी शुद्ध पाठ कर सकते हैं। रु. 500.00
6. वेदायन प्रवचन :- चारो वेदों से चुने हुए प्रमुख वेद सूक्तों के मन्त्रों पर विस्तृत प्रवचन इस पुस्तक में संकलित हैं। सन्धियों से मुक्त सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्व प्रथम प्रस्तुत किया गया है वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ – व्याख्या सहित सरल प्रमाणिक अनुवाद। मूल मंत्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है सभी के लिए उपयोगी संस्करण। रु. 500.00
7. वेदायन (सरलपाठ, काव्यानुवाद) :- चारो वेदों से चुने हुए प्रमुख वेद सूक्तों का सन्धियों से मुक्त सरलपाठ, काव्यानुवाद। वेदपाठ तथा उपासना के लिए । रु. 100.00
8. वेद गीतायन :- चारो वेदों से चुने हुए गीतात्मक वेद सूक्तों का सन्धियों से मुक्त सरलपाठ। वेदपाठ तथा उपासना के लिए । रु. 500.00
9. वैदिक वर्ण व्यवस्था :- इस पुस्तक में यजुर्वेद अध्याय ३०, ३१, ४० की व्याख्या है।
10. वैदिक स्वराज्य सूक्त : चारो वेदों से चुने हुए अत्यन्त उपयोगी स्वराज्य सूक्त तथा राष्ट्र सूक्त (वैदिक राष्ट्रगान) प्रस्तुत किया गया है। सन्धियों से मुक्त सरल पाठ के साथ ही प्रत्येक शब्द का प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ इतिहास में सर्व प्रथम प्रस्तुत किया गया है वेद को वैदिक भाषा के अनुसार समझने का इतिहास में सर्वप्रथम प्रयास है। व्याकरण सम्मत, पदार्थ (शब्दार्थ) एवम् भावार्थ – व्याख्या सहित सरल प्रमाणिक अनुवाद। मूल मंत्र के किसी शब्द को छोड़ा नहीं गया है। रु. 100.00
11. चतुर्वेद सरल पाठ :- प्रथम बार प्रस्तुत सन्धियों से मुक्त चारो वेदों का सरल पाठ जन साधारण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। (बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 2500.00
12. ऋग्वेद सरल पाठ :- ऋग्वेद का सम्पूर्ण सरल पाठ प्रथम बार प्रस्तुत किया जा रहा है।
(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 900.00
13. सामवेद सरल पाठ :- सामवेद का सम्पूर्ण सरल पाठ प्रथम बार प्रस्तुत किया जा रहा है। रु. 500.00
14. अथर्ववेद सरल पाठ :- अथर्ववेद का सम्पूर्ण सरल पाठ प्रथम बार प्रस्तुत किया जा रहा है
(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 700.00
15. यजुर्वेद सरल पाठ :- यजुर्वेद का सम्पूर्ण सरल पाठ प्रथम बार प्रस्तुत किया जा रहा है। रु. 700.00
16. वैदिक धात्वादि कोश :- पाणिनि तथा काशकृत्स्न प्रोक्त धातुपाठों को समाहित कर सम्पूर्ण धातुकोश तैयार किया गया है। इसमें उपसर्ग, अव्यय, संख्या, सर्वनाम शब्द भी दे दिये गये हैं। इसकी सहायता से वेद सहित सम्पूर्ण संस्कृत साहित्य का अर्थ किया जा सकता है। जन सामान्य के लिए उपयोगी संस्करण। रु. 500.00
17. वैदिक शब्द कोश :- वैदिक पदों (शब्दों) का धातुज व्याकरण -सम्मत प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ। इतिहास में सर्व प्रथम प्रस्तुत वैदिक शब्दकोश।(बृहद् आकार, ए-4 साइज) रु. 900.00
18. वैदिक शब्द कोश (लघु संस्करण):- वैदिक पदों (शब्दों) का धातुज व्याकरण -सम्मत प्रमाण सहित निष्पक्ष अर्थ। इतिहास में सर्व प्रथम प्रस्तुत वैदिक शब्दकोश। रु. 200.00
19. सरल संस्कृत व्याकरण :- व्याकरण के मूल तत्वों पर आधारित इस पद्धति से शब्द रूप, धातु रूप रटे बिना एक मास में संस्कृत पढ़ना, लिखना व बोलना सीख सकते हैं। तीन दशकों के शोध व प्रशिक्षण अनुभव के बाद प्रस्तुत सबके लिए उपयोगी चमत्कारिक व्याकरण प्रणाली। रु. 95.00
20. वैदिक इतिहास :- ब्रह्मा व मनु से आरम्भ कर बुद्ध तक का सम्पूर्ण क्रमबद्ध इतिहास। सूर्यवंश की सवा सौ पीढ़ियों का इतिहास प्रथम बार प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में सूर्यवंश, चन्द्रवंश की शाखाओं सहित, मनु से भोज तक सम्पूर्ण वंशावली भी दी गयी है। रु. ३00.00
21. ओम् साधना :- ओम् साधना, वैदिक आध्यात्मिक चिकित्सा, वैदिक योग साधना एवम् योग चिकित्सा। 100.00
22. चिन्तन प्रवाह :- वैदिक संस्कृति तथा जीवन दर्शन सम्बन्धी चिन्तन। रु. 500.00
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